7th Pay Commission – सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है कि क्या यह हड़ताल का खतरा था या सरकार की वास्तविक चिंता, जिसने अरुण जेटली को नई उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला करने के लिए प्रेरित किया।
साल 2017 जा चुका है और 2018 की शुरुआत हो गई है, नए साल में अभी तक सभी केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का फायदा नहीं मिला है। सातवें वेतन आयोग को पास हुए करीब 19 महीने हो चुके हैं, लेकिन कर्मचारियों को अभी तक कुछ नहीं मिला है। न्यूनत वेतन बढ़ाने को लेकर समय बीतता जा रहा है। इतना टाइम बीतने के बाद अब खबरें आ रही हैं कि सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाने के आइडिया को पूरी तरह से खारिज कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इससे करीब 48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनर्स को झटका लगेगा।
ऐसी खबर आने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियन ने अनिश्चित हड़ताल करने की बात की। इसके बाद जब खबर आई कि फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली एक हाई लेवल कमेटी बनाने वाले हैं तो हड़ताल की बात दब गई। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है कि क्या यह हड़ताल का खतरा था या सरकार की वास्तविक चिंता, जिसने अरुण जेटली को नई उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला करने के लिए प्रेरित किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई लेवल कमेटी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे वेतन बढ़ाने पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। इस समिति में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सचिवों के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग, पेंशन, रिवेन्यू, एक्सपेंडेचर, हेल्थ, रेलवे बोर्ड के साइंस एंड टेक्नॉलोजी के चैयरमेन और डिप्टी कैग इसके मेंबर हो सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा इस कमेटी के अध्यक्ष हों।