रेल यूनिवर्सिटी में मिलेगी बीएससी ट्रांसपोर्ट की डिग्री, रेल यूनिवर्सिटी में मिलेगी बीएससी ट्रांसपोर्ट की डिग्री, देश की पहली यूनिवर्सिटी वडोदरा में शुरू होगी

नई दिल्ली . देश में पहली बार छात्र ‘बीएससी ट्रांसपोर्ट’ कोर्स को भी पढ़ सकेंगे। वडोदरा में अगस्त से शुरू हो रही पहली नेशनल रेल एंड ट्रांसपोर्ट यूनिवर्सिटी में छात्रों को यह मौका मिलेगा। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति के बाद प्रस्ताव इसी माह यूजीसी के पास भेजा गया है। अगले माह इसे मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद वीसी और एकेडमिक काउंसिल की नियुक्ति की जाएगी।







फीस, सिलेबस और दाखिले की गाइडलाइंस इसके बाद तय होंगी। रेल मंत्रालय छात्रों को ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में बेहतर मौके उपलब्ध कराने के लिए नेशनल रेल एंड ट्रांसपोर्ट यूनिवर्सिटी बना रहा है। यह यूनिवर्सिटी वडोदरा स्थित नेशनल एकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे के कैंपस में खोली जा रही है। फिलहाल इसमें एक ही कोर्स होगा। इसके बाद हर साल कोर्स बढ़ते जाएंगे। शुरुआत में इसमें 3 हजार छात्र तक पढ़ सकेंगे। यह आम यूनिवर्सिटी की तरह ही होगी यानी कोई भी छात्र चयन प्रक्रिया के आधार पर दाखिला पा सकेगा।




यूनिवर्सिटी पूरी तरह स्वायत्त होगी। इसमें सेटेलाइट आधारित ट्रैकिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और लाइव लैब आदि के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी। रेलवे की ओर से बुलेट ट्रेन, फ्रेट कॉरिडोर, सेफ्टी के लिए कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके लिए रेलवे को स्किल्ड लोगों की जरूरत होगी। इस यूनिवर्सिटी के छात्रों के पास मौका होगा। वहीं, यहां के छात्र रेलवे के 16 पीएसयू के अलावा ट्रांसपोर्ट के तमाम पीएसयू हैं, जहां कैरियर बना सकते हैं।




पहली बार छात्र यह कोर्स पढ़ सकेंगे, अगस्त से वडोदरा में शुरुआत

ऑपरेशंस, कैटरिंग, शिपिंग तक की पढ़ाई

रेल अधिकारियों ने बताया कि इस कोर्स में साइंस के विषयों के अलावा ट्रांसपोर्ट संबंधित सिलेबस भी पढ़ाया जाएगा। इसमें आपरेशंस, कैटरिंग, ऑनलाइन बुकिंग, शिपिंग, रेल, रोड ट्रांसपोर्ट और एविएशन से संबंधित कोर्स शामिल होगा।

रेल दुर्घटनाओं को कम करेगा रोबोट मॉडल

रेलवे क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने का उपाय संस्कृति यूनिवर्सिटी के छात्रों ने निकाल लिया है। उन्होंने एक ऐसा रोबोट मॉडल तैयार किया है, जिससे रेलवे क्रॉ¨सग पर होने वाली दुर्घटनाओं को आसानी से रोका जा सकेगा।

रेलवे क्रॉ¨सग में गेटमैनों की लापरवाही से प्रतिवर्ष हादसों में हजारों लोगों की जान चली जाती है। इससे न केवल जनहानि होती है बल्कि रेलवे यातायात व्यवस्था कई-कई घंटों के लिए बाधित हो जाती है। इस समस्या का हल यूनिवर्सिटी के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के छात्र शिवा ओझा, दिलीप यादव, दीपक और जितेंद्र ने निकाला है। उन्होंने एक ऐसा रोबोट मॉडल तैयार किया है जो ट्रेन के आने का संकेत मिलते ही काम करने लगेगा।

सेंसर की सहायता से गाड़ी आने से पहले न केवल गेट बंदकर देगा बल्कि ट्रेन के गुजरते ही गेट को फिर से खोल देगा। इससे किसी भी रेलवे क्रॉ¨सग पर 24 घंटे सेवा देने वाले गेटमैनों की आवश्यकता नहीं होगी। यूनिवर्सिटी के छात्रों के इस रोबोट मॉडल को रेलवे के तकनीकी विशेषज्ञों ने अच्छा प्रयास बताया है। कुलाधिपति सचिन गुप्ता, उप कुलाधिपति राजेश गुप्ता, कुलपति डॉ. देवेंद्र पाठक, कार्यकारी निदेशक पीसी छाबड़ा, इंजीनिय¨रग विभाग के निदेशक डॉ. राकेश धीमान, विभागाध्यक्ष अजीत कुमार झा, असिस्टेंट प्रो. विनय आनंद, असिस्टेंट प्रो. ¨रकू चंद्रा, असिस्टेंट प्रो. विशाल कटियार, असिस्टेंट प्रो. हिमांशु कटारा, डॉ. रीना रानी आदि ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है।