बुलेट ट्रेन को जमीन दिसंबर तक, नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड का दावा, परियोजना की निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही जरूरी भूमि का अधिग्रहण कर लिया जाएगा : एनएचएसआरसीएल








एनएचएसआरसीएल ने अब तक 39 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण कर लिया हैमोदी-आबे ने 14 सितंबर 2017 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी भारत में बुलेट ट्रेनों के 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से

नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को उम्मीद है कि 508 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आवश्यक भूमि के ज्यादातर हिस्से पर इस साल के अंत तक अधिग्रहण कर लिया जाएगा। एनएचएसआरसीएल की प्रवक्ता सुषमा गौर ने कहा कि परियोजना की निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही जरूरी भूमि का अधिग्रहण कर लिया जाएगा।




उन्होंने कहा, ‘‘भूमि के ज्यादातर हिस्से का अधिग्रहण दिसम्बर 2019 तक हो जाएगा। भारत में बुलेट ट्रेनों के 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने की उम्मीद है जिससे वे 508 किलोमीटर की दूरी लगभग दो घंटों में पूरी कर लेंगी। इसकी तुलना में, फिलहाल इस दूरी को तय करने में ट्रेनें सात घंटों का समय लेती हैं जबकि विमान लगभग एक घंटे का समय लेता है।एनएचएसआरसीएल ने अब तक 1,380 हेक्टेयर की 39 प्रतिशत (537 हेक्टेयर) भूमि का अधिग्रहण कर लिया है, जिसमें गुजरात में 940 हेक्टेयर में से 471 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 431 हेक्टेयर में से 66 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा किया जा चुका है।




एजेंसी हालांकि दादरा एवं नगर हवेली में नौ हेक्टेयर भूमि में से एक भी टुकड़े का अधिग्रहण नहीं कर पाई है। गौर ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, दो-तीन महीने पहले 33 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण हुआ था। और 90 दिनों के अंदर हम और छह प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण करने में सफल रहे।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 14 सितम्बर 2017 को 1.08 लाख करोड़ रपए की महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) और रेल मंत्रालय ने इसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें जापान आंशिक रूप से फंडिंग करेगा।गौर ने कहा कि रेलवे ने टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग कर मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और महाराष्ट्र में शिल्फाटा के बीच डबल लाइन हाई स्पीड रेलवे की टेस्टिंग और कमिशनिंग सहित टनलिंग कायरे के लिए निविदाएं मंगाई हैं।

अधिकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में बोइसर और बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग खोदी जाएगी, जिसका सात किलोमीटर हिस्सा समुद्र के अंदर होगा।गौर ने कहा कि महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर स्थित जरोली गांव और गुजरात में वडोदरा के बीच 237 किलोमीटर लंबे रेल लाइन कॉरीडोर की टेस्टिंग और कमिशनिंग सहित सिविल और बिल्डिंग कायरे के डिजाइन और निर्माण के लिए भी निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के वापी, बिलीमोरा, सूरत और भरूच में भी स्टेशनों के निर्माण के लिए निविदाएं मंगाई गई हैं। अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन स्टेशन से संबद्ध होने वाले साबरमती हब का निर्माण शुरू हो गया है।