सरकार ने इस साल मार्च में कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद डीए 17 फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हो गया था। कोरोना संकट के चलते इस साल में अबतक केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) पर निराशा हाथ लगी है। सरकार ने डीए पर इस साल अबतक दो बड़े फैसले लिए जिसका सीधा असर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन पर पड़ा है।

सरकार ने इस साल मार्च में कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद डीए 17 फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हो गया था। मार्च में बढ़ोत्तरी का तोहफा मिला तो अप्रैल में कोरोना संक्रमण के फैलाव और फिर देशव्यापी लॉकडाउन के चलते सरकार ने डीए पर एक और बड़ा फैसला ले लिया। मोदी सरकार ने तय किया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ता नहीं बढ़ेगा। यानी जनवरी 2020 से डीए में बढ़ोत्तरी की जो घोषणा हुई उस पर तो रोक लगी ही साथ में जुलाई में भी डीए में कोई इजाफा नहीं हुआ। जाहिर जून 2021 तक के लिए महंगाई भत्ता नहीं बढ़ना तय किया गया है तो जुलाई की बढ़ोत्तरी तो वैसे भी संभव नहीं थी।

कोरोना काल में कुछ फैसले ऐसे थे जिनका असर फिलहाल कर्मचारियों की जेब पर पड़ रहा है तो कई सहुलियतें भी दी गईं। कोरोना काल के दौरान रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन पेमेंट ऑर्डर आने तक प्रोविजनल पेंशन दिए जाने का भी फैसला लिया गया। सरकार ने तय किया है कि कर्मचारियों को रात में ड्यूटी करने पर अलग से अलाउंस दिया जाएगा। पहले ये अलाउंस ग्रेड पे के आधार पर दिया जाता था लेकिन सरकार ने इसपर रोक लगा दी है।